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Showing posts from September, 2017
Kya-Tareef -Kru-Uski          *"न मैं गिरा,और न मेरी*       *उम्मीदों के मीनार गिरे..!*         *पर.. लोग मुझे गिराने मे*             *कई बार गिरे...!!"*                           *सवाल जहर का नहीं था*                  *वो तो मैं पी गया,* *तकलीफ लोगों को तब हुई,*        *जब मैं फिर भी जी गया.*  *जब कोई “हाथ” और“साथ”* *दोनों ही छोड़ देता है,* *तब “कुदरत” कोई न कोई* *उंगली पकड़ने वाला भेज देती है,* *इसी का नाम “जिदंगी” है...!!*